APMC Full Form In Hindi । एपीएमसी क्या होता है? (कार्य, फायदे, नुकसान)

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे इस नई जानकारी में. आज हम आपको एपीएमसी (APMC) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. एपीएमसी के बारे में जानकारी के तौर पर आज हम आपको बताएंगे एपीएमसी क्या है, एपीएमसी का फुल फॉर्म क्या है (APMC Full Form In Hindi), इसका कार्य क्या है आदि इस तरह के और भी कई सारे महत्वपूर्ण जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से प्राप्त होंगे. संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे.

APMC Full Form In Hindi

एपीएमसी (APMC) का फुल फॉर्म क्या है

➤ APMC Full Form In English – Agriculture Produce Market Committee

➤ APMC Full Form In Hindi – कृषि उत्पाद विपणि समिति” होता है

एपीएमसी क्या है / What is APMC in Hindi?

कृषि उत्पादन विपणी समिति” (Agriculture Produce Market Committee) एक समूह होता है जो किसानों और कृषि उत्पादकों को उनके उत्पादों की बिक्री और विपणन से संबंधित मुद्दों को संभालने में मदद करता है। इन समितियों का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि वे किसानों को उनकी उत्पादों के उचित मूल्य पर विक्रय करने में मदद कर सकें, जिससे वे अपने उत्पादों के बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करते है। 

एपीएमसी कैसे काम करता है?

“कृषि उत्पाद विपणि समिति” (Agricultural Produce Market Committee, या APMC) भारत में एक संगठन है जो कृषि उत्पादों की व्यापार गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह समिति कृषि उत्पादों के खरीदारों और बिक्रेताओं को एक स्थान पर मिलाती है जहां वे उत्पादों की मूल्य निर्धारण कर सकते हैं।

APMC उत्पादकों को बाजार से अधिक मूल्य प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। यह समिति कृषि उत्पादों की खरीद और बिक्री की गतिविधियों पर नियंत्रण रखती है, जिससे उत्पादकों और खरीदारों के बीच न्याय से मूल्य निर्धारण किया जा सकता है।

APMC के सदस्यों में उत्पादक, खरीदार, वस्तुकर्ता, व्यापारी और नागरिक समिति शामिल होते हैं। समिति के सदस्य व्यापार नियमों और विधियों के अनुसार उत्पादों की खरीद और बिक्री करते हैं।

एपीएमसी के लाभ / Benefits of APMC

“कृषि उत्पाद विपणि समिति” (APMC) की स्थापना से कृषि उत्पादों की विपणि में विभिन्न लाभ हो सकते हैं।

कृषि उत्पाद विपणि समिति के माध्यम से कृषि उत्पादकों के बीच सीधे आयात और निर्यात की प्रणाली अधिक सुगम हो सकती है। इससे कृषि उत्पादकों की आय बढ़ सकती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।

कृषि उत्पाद विपणि समिति के माध्यम से उत्पादकों को विभिन्न विपणि समाचार और कृषि विज्ञान के बारे में जानकारी मिल सकती है। यह उत्पादकों के लिए नए उत्पादों और तकनीकों का अनुसरण करने में मदद करता है जो उनके उत्पादों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ा सकता है।

इस समिति के माध्यम से कृषि उत्पादकों के लिए संबंधित कानूनों, विनियमों और नियमों की जानकारी भी मिल सकती है। इससे उत्पादकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की सुरक्षा होती है।

एपीएमसी के नुकसान / Disadvantages of APMC

कृषि उत्पाद विपणि समिति (Agricultural Produce Market Committee या APMC) के नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

APMC के नुकसान

  1. उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिलता है: APMC के कुछ आशयों में उत्पादकों के लिए न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाता है जो अक्सर उत्पादकों को उचित मूल्य से नीचे रखता है। इससे उत्पादकों को अपने उत्पादों के लिए अनुचित मूल्य मिलता है और उनका आर्थिक हानि होता है।
  1. विपणि में मध्यम लोगों के कार्यकर्ता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका: APMC में मध्यम लोग यानी वस्तु विपणि के बिचौलिये कर्मचारी, आर्थिक संबंधों के बिचौलियों में आकर उत्पादकों और विक्रेताओं के बीच अंतरफलक बनाते हैं। इससे वे अक्सर उत्पादकों से अधिक दाम लेते हैं और उत्पादकों के लाभ को कम करते हैं।
  1. विपणि के नियमों में स्थानिक विकास के आंकड़ों को नजरअंदाज किया जाता है: APMC में नियमों के अनुसार अक्सर उत्पादों की आपूर्ति का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोई असर नहीं होत

2003 APMC Act क्या है? 

2003 का APMC अधिनियम कृषि व्यापार के मूल्य श्रृंखला में मध्यस्थता के स्तर को निर्धारित करता है। इस अधिनियम के तहत भारत के राज्यों ने कृषि उत्पादों के व्यापार को विनियमित करने वाले मंडी अधिनियमों को संशोधित या खत्म करने का अधिकार प्राप्त किया। यह अधिनियम भारत के किसानों और खरीदारों के बीच कृषि उत्पादों की मूल्य निर्धारण में मध्यस्थता को कम करने का लक्ष्य रखता है।

इस अधिनियम के अंतर्गत, राज्य सरकार को अन्य विनियमित बाजार और विशेष क्षेत्रीय बाजार शामिल करने की अनुमति होती है। इसके अलावा, अधिकृत मंडी बोर्ड भी गठित करने की अनुमति होती है जो व्यापार में मध्यस्थता के स्तर को कम करते हैं।

इस अधिनियम के अंतर्गत, किसानों और खरीदारों को विवेकाधीन व्यापार विकल्प उपलब्ध होते हैं, जो उन्हें अधिक आय उपलब्ध कराने में मदद कर सकते हैं। 

एपीएमसी में सधुार कैसे लाया जा सकता है? 

इस संदर्भ में, सधुर या नमकीन समान कृषि उत्पादों का आमतौर पर APMC में निर्माता की ओर से बिक्री के लिए आना संभव है। इसके लिए, निर्माता को अपने उत्पादों को एक वैध प्रमाण पत्र जैसे कि किसान उत्पाद संगठन (Farmer Producer Organization) के माध्यम से प्राप्त करना होगा। इसके अलावा, निर्माता को APMC के नियम और विनियमों का पालन करना होगा।

इसलिए, सधुर कृषि उत्पादों को APMC में बेचना संभव होता है, लेकिन उन्हें वैध प्रमाण पत्र के साथ और नियमों का पालन करते हुए बेचना होगा।

एपीएमसी सेसंबंधित अक्सर पछूेजानेवालेसवाल (FAQs)

1) एपीएमसी (APMC) क्या है? 

एपीएमसी का पूरा नाम ‘अग्रो-प्रोड्यूस मार्केटिंग कमिटी’ है और यह एक संगठन है जो भारत में कृषि उत्पादों की मार्केटिंग और विपणन के लिए बनाया गया है।

2) एपीएमसी का उद्देश्य क्या है?

एपीएमसी का उद्देश्य कृषि उत्पादों की खरीद, बिक्री और विपणन को सुविधाजनक और व्यवस्थित बनाना है। इसके अलावा, एपीएमसी के माध्यम से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • किसानों को बेहतर मूल्य मिलता है जो उनके उत्पादों के लिए निर्धारित होता है।
  • बाजार में नियमित और व्यवस्थित विपणन के कारण, किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अलग-अलग बाजारों में नहीं जाना पड़ता है।
  • अधिक खुली वातावरण के कारण, खरीददार किसानों के उत्पादों के लिए अधिक उपलब्धियां होती हैं।

3) APMC की स्थापना कब हुई?

एपीएमसी की स्थापना 2003 में हुई थी।

4) एपीएमसी मेंकौन-कौन सेकृषि उत्पादन की जाती है?

एपीएमसी में गेहूँ, चावल, दालें, तिलहनी, मक्का, मूंगफली, जूट, तंबाकू आदि कृषि उत्पादों की व्यापक खरीद बिक्री होती है।

5) APMC मेंकौन-कौन से सुविधाय उपलब्ध है?

एपीएमसी (APMC) भारत में कृषि उत्पादों के व्यापार के लिए एक नियंत्रण मंडी है जो राज्य सरकारों द्वारा संचालित की जाती है। इसमें कृषि उत्पादों की बिक्री, खरीद और वितरण के लिए विभिन्न सुविधाएं होती हैं। कुछ मुख्य सुविधाएं निम्नलिखित हैं:

  • बाजार योग्यता सर्टिफिकेशन – यह सुविधा उत्पादों के गुणवत्ता की जांच के लिए होती है। इसके द्वारा उत्पादों की मान्यता को निश्चित किया जाता है और उन्हें अन्य राज्यों और देशों में बेचा जा सकता है।
  • वितरण और परिवहन सुविधाएं – इसमें उत्पादों की विभिन्न जगहों पर आसान वितरण के लिए सुविधाएं होती हैं।
  • मूल्य निर्धारण – एपीएमसी में उत्पादों के लिए निर्धारित मूल्य होता है जो आधार पर बिक्री की जाती है।
  • समर्थन वित्त – किसानों के लिए आर्थिक सहायता के लिए इस सुविधा की उपलब्धता होती है।

6) APMC मेंकि स तरह के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है? 

APMC (Agricultural Produce Market Committee) में कुछ प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती हैं जो व्यापारियों को इस बात की गारंटी देते हैं कि वे कानूनी रूप से व्यापार कर रहे हैं और उनकी खरीद और बिक्री सही तरीके से हो रही है। कुछ मुख्य प्रमाण पत्रों की सूची निम्नलिखित है:

  • ट्रेड लाइसेंस
  • वाहन रेजिस्ट्रेन
  • श्रम पत्र
  • कर रेजिस्ट्रेन सर्टिफिकेट

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