BPD Full Form In Hindi । Pregnancy और Disorder में BPD का मतलब क्या है?

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे इस लेख में जहां पर आज हम आपको BPD के बारे में जानकारी देंगे। इस हम आपको बताएंगे डीपीडी (BPD) क्या होता है और डीपीटी का full form क्या है। लेकिन क्या आप जानते हैं डीपीटी का दो मुख्य फुल फॉर्म है, इसीलिए इस लेख में आपको दोनों फुल फॉर्म के बारे में जानकारी दी जाएगी।

BPD का एक फुल फॉर्म है मनोवैज्ञानिक समस्या से संबंधित और दूसरा है बच्चे के मापदंड यंत्र। लोग इन दो फुल फॉर्म के लिए डीपीडी का उपयोग करते हैं, इसीलिए आपको BPD ka full form इन दोनों तरीके से जानना चाहिए। इन दोनों विषय का चर्चा इस लेख में की गई है, आप अपनी जरूरत के हिसाब से पढ़ सकते हैं।

BPD Full Form In Hindi

बीपीडी से संबंधित जानकारी के रूप में आज हम आपको बताएंगे बी पी डी (BPD) क्या होता है (BPD meaning in hindi), बी पी डी का फुल फॉर्म क्या है, बीपीडी से संबंधित कुछ आवश्यक जानकारी और इन दो तरह के BPD से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न क्या है आदि इस तरह के और भी कई सारे महत्वपूर्ण जानकारियां. तो दोस्तों बी पी डी के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमारे इस लेख में अंत तक जरूर बने रहे।

BPD का Full Form क्या है?

जैसे कि हमने आपको बताया मुख्य प्रकार से BPD का दो फुल फ्रॉम होता है. एक है मनोवैज्ञानिक समस्या और दूसरा है मापदंड यंत्र। डीपीडी के 2 फुल फ्रॉम को हम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के जरिए जानेंगे। बी पी डी का फुल फॉर्म जानने के लिए नीचे दिए गए जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

BPD का पहला Full Form

➤ BPD Full Form In English = Borderline Personality Disorder

➤ BPD Full Form In Hindi = अस्थिर व्यक्तित्व की परेशानी

BPD का दूसरा Full Form

➤ BPD Full Form In English = Biparietal Diameter

➤ BPD Full Form In Hindi = द्विदलीय व्यास

बी पी डी का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of BPD), यह जानने के बाद चलिए अब हम BPD के इन दो फुल फ्रॉम के बारे में एक-एक करके बिस्तर से जान लेते हैं.


1. Borderline Personality Disorder से संबंधित जानकारियां

Borderline Personality Disorder

Borderline Personality Disorder का मतलब क्या होता है?

इस मामले में BPD का फुल फॉर्म है “Borderline Personality Disorder” जिसे हिंदी में “अस्थिर व्यक्तित्व की परेशानी” कहा जाता है. BPD (Borderline Personality Disorder) एक मनोवैज्ञानिक समस्या है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व, व्यवहार और संवेदनशीलता पर असर डालती है। इस विकार के साथ व्यक्ति में स्थायी अस्थिरता, अनुकूलन की क्षमता में कमी, संवेदनशीलता और संवेदनात्मकता की अधिकता होती है।

Borderline Personality disorder के लक्षण क्या है? 

BPD (बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर) के लक्षण असंतुलित व्यवहार, बदलते मूड, स्वार्थपरता, अस्थिर आदतें, खुद को नुकसान पहुंचाने के उत्सुकता, खुद को आत्महत्या करने की तलाश, अभिनय जो ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है और एकाग्रता में असफलता शामिल होते हैं। यह सभी व्यक्तियों में समान रूप से देखा जाता नहीं है लेकिन जो लोग इस समस्या से पीड़ित होते हैं वे अक्सर भावनात्मक स्वार्थपरता, उच्छृंखलता और अशांति के अनुभव करते हैं।

इस रोग के निदान के लिए, आप एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।

क्या BPD से पीड़ित लोग नॉर्मल होते है?

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Borderline Personality Disorder) के लोग नॉर्मल होते हैं, लेकिन उनमें सामान्य लोगों से कुछ विशेषताएं होती हैं जो उन्हें अलग बना सकती हैं। उनके व्यवहार और भावनाओं में अस्थिरता और असंतुलन हो सकता है, जो उनकी रूचि, व्यवहार और समाजी रिश्तों पर असर डाल सकता है।

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले लोग अक्सर खुद को अकेला और विराट महसूस करते हैं, जिससे वे संघर्ष करते हुए अन्य लोगों से दूर रह सकते हैं। वे अक्सर अपने सम्बन्धों में आकार और रंग बदलते हैं, जो अन्य लोगों के लिए अस्थिरता का एक अनुभव हो सकता है।

यदि बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (BPD) के लिए उपचार लिया जाए, तो लोग इससे बेहतर हो सकते हैं और अपनी समस्याओं का सामना करने में सक्षम हो सकते हैं।

Borderline Personality disorder se पीड़ित व्यक्ति को क्या ट्रिग्गेर करता है? 

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसआर्डर (Borderline Personality Disorder) के व्यक्ति को अलग-अलग तरह के ट्रिगर्स हो सकते हैं, लेकिन इनमें कुछ सामान्य ट्रिगर्स हैं जो इन व्यक्तियों के लिए अधिक उत्तेजित कर देते हैं।

कुछ आम ट्रिगर्स निम्नलिखित हैं:

  1. तनाव या तनावपूर्ण स्थिति: BPD वाले व्यक्ति तनावपूर्ण स्थितियों में अधिक उत्तेजित होते हैं, जैसे कि निर्णय लेने, संबंधों में अस्थिरता या किसी भी परिस्थिति में नियंत्रण के अभाव से।
  2. विवादास्पद स्थितियाँ: विवादास्पद स्थितियां भी BPD वाले व्यक्ति के लिए ट्रिगर हो सकती हैं, जैसे कि जब उनकी बात समझने की कोशिश नहीं की जाती है या जब उन्हें उनके विचारों के बारे में समझाया नहीं जाता है।
  3. अज्ञातता: BPD वाले व्यक्ति को ज्यादातर वह स्थितियां उत्तेजित करती हैं जो उनकी जानकारी के बाहर होती हैं या जो उन्हें अज्ञात होती हैं।

Borderline Personality disorder कैसे ठीक होता है?

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Borderline Personality Disorder) एक मानसिक विकार है जो अपनी जटिलता के कारण उपचार करने में कठिन हो सकता है। इस विकार के लिए अधिकतर उपचार दवाइयों, मनोवैज्ञानिक सलाह और संबंध विशेषज्ञों की मदद शामिल होती है।

BPD (बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर) के उपचार में निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग किया जाता है:

  1. प्रबंधित विशिष्ट चिकित्सा उपचार (Managed specialized medical care) – इसमें बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले व्यक्ति को एक विशेषज्ञ मनोचिकित्सक द्वारा अवलोकन और उपचार करने की सलाह दी जाती है।
  2. व्यक्तिगत चिकित्सा (Individual therapy) – इसमें विशेषज्ञ मनोचिकित्सक द्वारा व्यक्तिगत सत्रों के माध्यम से बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले व्यक्ति को समझाया जाता है कि उनके साथ घटनाएं कैसे प्रभावित होती हैं और उन्हें उन घटनाओं से कैसे निपटना चाहिए।
  1. समर्थक चिकित्सा (Supportive therapy) – इसमें विशेषज्ञ मनोचिकित्सक द्वारा व्यक्ति को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके माध्यम से व्यक्ति की सोचने की शैली को स्थिर बनाया जाता है जो उन्हें अपनी रोगी विचारधारा से बाहर लाने में मदद करता है।
  2. दवाओं का उपयोग (Medication) – कुछ मनोवैज्ञानिक दवाओं का उपयोग बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षणों जैसे दुख, तनाव, उत्तेजना आदि को कम करने के लिए किया जाता है।

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (BPD) का उपचार एक लंबी प्रक्रिया होती है जो बहुत समय लगा सकती है। व्यक्ति के व्यक्तित्व और चुनौतियों को समझने के लिए उनके परिवार और मित्रों की सहायता भी महत्वपूर्ण होती है। उपचार सफलता से सम्बंधित होता है लेकिन उससे अधिक महत्वपूर्ण होता है कि व्यक्ति के जीवन में संतुलन बनाए रखना और रोग के लक्षणों के साथ सही तरीके से निपटना सीखना।


2. Biparietal Diameter से संबंधित जानकारियां

Biparietal Diameter

Biparietal Diameter का मतलब क्या होता है?

इस मामले में BPD का फुल फॉर्म है “Biparietal Diameter” जिसे हिंदी में “द्विदलीय व्यास” कहा जाता है. Biparietal Diameter (BPD) एक medical term है जो कि गर्भावस्था में उपयोग किया जाता है। यह एक fetal ultrasound measurement होती है जो fetus के head के बीच की दूरी को नापती है। BPD fetus के head का एक महत्वपूर्ण अंग होता है और इसकी मापने से गर्भावस्था के दौरान fetus के growth का अनुमान लगाया जा सकता है। BPD measurement गर्भावस्था के दौरान कुछ अन्य fetal measurements के साथ मिलाकर fetus के health की स्थिति का अनुमान लगाने में मदद करती है।

Biparietal Diameter सबसे सटीक कब होता है? 

Biparietal diameter (BPD) जन्म से पहले गर्भ में बच्चे के मापदंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। BPD का माप गर्भावस्था के दौरान बच्चे के सिर के दो सिरों (परिओं) के बीच की दूरी का मापदंड होता है। यह मापदंड बच्चे के विकास को मापने के लिए उपयोगी होता है।

BPD का सटीक माप उल्टी होने पर 13 से 26 सप्ताह के बीच किया जाता है। इस समय बच्चे के मस्तिष्क विकास एवं माप का समय होता है जिससे BPD का सटीक माप किया जा सकता है।

यदि आप गर्भावस्था में हैं और आपके डॉक्टर ने आपको BPD का माप करने की सलाह दी है, तो वह आपको उपयुक्त समय बताएंगे जब आपके बच्चे के सिर के दो सिरों के बीच की दूरी को सटीकता से मापा जा सकता है।

Biparietal Diameter का आकार प्राप्त करने का क्या महत्व है?

बिपरिपटल विस्तार (Biparietal Diameter) उन जांचों में से एक है जो गर्भवती महिलाओं के गर्भ में फोटोग्राफी (Ultrasound) के माध्यम से लिया जाता है। इस जांच के माध्यम से आकार और वजन के संबंध को मापा जाता है जो गर्भवती महिला के भविष्य के शिशु के स्वस्थ विकास और उसकी जन्म के लिए महत्वपूर्ण होता है।

बिपरिपटल विस्तार मात्रा और शिशु के आयाम के बीच संबंध को दर्शाता है। इस माप को कुछ अन्य जांचों के साथ एकत्रित करके शिशु के वजन, सिरमुड़ा, हृदय और अन्य गर्भावस्था जांचों को विश्लेषित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, बिपरिपटल विस्तार मात्रा की जांच शिशु के ब्रेन के विकास और ब्रेन साइज के अनुमान के लिए भी उपयोगी होती है।

इसलिए, बिपरिपटल विस्तार का महत्व शिशु के स्वस्थ विकास के लिए होता है जो उसकी जन्म के बाद उसकी स्वस्थ जीवन शैली और उसके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

Biparietal Diameter के लिए स्थलचिह्न क्या हैं?

Biparietal Diameter (BPD) का स्थलचिह्न “बीपीडी” होता है। BPD एक प्रकार का माप है जो गर्भावस्था के दौरान उल्टी सीधी गर्भमांस की लम्बाई का मापन करने के लिए किया जाता है। BPD आमतौर पर सॉनोग्राफी द्वारा मापा जाता है और यह गर्भावस्था की निगरानी में महत्वपूर्ण होता है।


कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल borderline Personality disorder से संबंदित?

1.Borderline Personality disorder kya hai?

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Borderline Personality Disorder) एक मनोवैज्ञानिक रोग है जो व्यक्ति के व्यवहार, भावनाओं और रोगी के आत्मसम्मान पर असर डालता है। इस रोग में व्यक्ति का संवेदनशीलता बहुत अधिक होती है और वह जल्दी से बदलने लगता है। इसलिए, ऐसे व्यक्ति के व्यवहार को समझना आम लोगों के लिए काफी मुश्किल होता है।

2.Borderline Personality disorder के लक्षण? 

 बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • अस्थिर भावनाएं और संवेदनशीलता
  • आत्महत्या और आत्मविश्वास की कमी
  • समाज में संघर्ष करना और अकेलापन महसूस करना
  • संभोग और आशा का कम हो जाना
  • शुरू किए गए संबंधों को बदलना
  • आक्रामकता या बदसलूकी करना
  • अत्यधिक आवश्यकताओं या उत्पीड़न के अनुभव
  • अधिक संभोग करना, शराब या मादक पदार्थों का सेवन करना और खर्चापसरी करना।

3.Borderline Personality disorder के इलाज?

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के इलाज के लिए कुछ चिकित्सा विकल्प निम्नलिखित हैं:

  • प्रतिस्थापन चिकित्सा (एक अधिकांश रोगियों के लिए उपयुक्त)
  • सामाजिक कौशल अभ्यास (जिसमें रोगियों को सामाजिक संबंधों का संचालन सिखाया जाता है)
  • व्यवहार चिकित्सा (जिसमें रोगियों को अपने व्यवहार में सुधार करने के लिए सिखाया जाता है)
  • दवाएं (जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट और एंटिप्साइकोटिक दवाएं)
  • मनोचिकित्सा (जिसमें रोगियों को उनकी भावनाओं और व्यवहार से सम्बंधित समस्याओं का सामना करने में मदद मिलती है)

इन चिकित्सा विकल्पों का उपयोग रोगी के लक्षणों और उनकी स्थिति के अनुसार किया जाता है। इसके अलावा, समर्थन और संवेदना भी रोगी के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

4. Borderline disorder से कैसे बचे

बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से बचने के लिए अन्य उपाय निम्नलिखित हैं:

  • स्वस्थ जीवन शैली अपनाना, जैसे स्वस्थ आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना और नियमित रूप से व्यायाम करना।
  • संबंधों में स्थिरता बनाये रखना, संबंधों को संवारने और संबंधों में सकारात्मक रहने की कोशिश करना।
  • सीमित मात्रा में अल्कोहल या दवाओं का सेवन करने से बचना।
  • स्वास्थ्य सेवाओं का नियमित रूप से उपयोग करना जैसे नियमित चेकअप आदि।
  • स्थायी रूप से इलाज लेना जो रोग के लक्षणों का संचालन करता है।
  • आपके समर्थन करने वालों से मदद मांगना या समर्थन का उपयोग करना।

यदि आपको बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से संबंधित कोई भी समस्या होती है, तो आपको एक विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। उन्हें आपके लक्षणों और स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए जांच करना होगा, और फिर उपयुक्त इलाज तय करने में मदद कर सकते हैं।


कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल Biparietal Diameter से संबंधित

1 Biparietal Diameter क्या है?

बाइपारिएटल डायमीटर (Biparietal Diameter) गर्भवती महिलाओं के फेटस के मापने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण मापदंड है। इसे फेटल हेड के बीच का सबसे बड़ा दूरी का माप होता है।

 2 Biparietal Diameter का क्या उपयोग होता है?

बाइपारिएटल डायमीटर का उपयोग फेटल उम्र के अनुमान लगाने में किया जाता है। इसे गर्भावस्था के दौरान उल्ट्रासाउंड के द्वारा मापा जाता है, जो बच्चे के विकास और स्वस्थ विकास को मापने में मदद करता है।

3 अल्ट्रासाउंड पर बीपीडी का क्या मतलब होता है?

उल्ट्रासाउंड पर बाइपारिएटल डायमीटर बच्चे के मापने के लिए उपयोग किया जाता है। इस माप का मतलब है कि यह बच्चे के सिर के दो समान भागों के बीच की दूरी को मापता है। यह जानने में मदद करता है कि बच्चा स्वस्थ है या नहीं और उसका विकास सामान्य है या नहीं।

 4 Biparietal Diameter की अच्यूरेसी क्या है?

बाइपारिएटल डायमीटर की अच्युरता मापक के उपयोग करने के तरीके पर निर्भर करती है।  इसके अलावा, बाइपारिएटल डायमीटर के माप के लिए उल्ट्रासाउंड का सही समय भी महत्वपूर्ण है। यदि मापक इसे गर्भावस्था के पहले तिमाही में करता है तो यह अधिक अच्युत परिणाम दे सकता है। इसलिए, समय समय पर मापने की आवश्यकता होती है जो गर्भावस्था के विभिन्न चरणों में सही जानकारी देता है।


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