ITR Full Form In Hindi। 5 फायदे के कारण लोग आईटीआर फाइल (ITR File) करते हैं

ITR Full Form In Hindi : भारत सरकार द्वारा आयकर से संबंधित कार्य को करने के लिए इनकम टैक्स विभाग का नियुक्त किया गया है. सरकार के द्वारा सभी व्यक्ति के आय के ऊपर एक टैक्स लगाया जाता है जो टैक्स हर साल सरकार को देना होता है. जिसे सरकार देश का विकास में उपयोग करता है. यह टेक्स सभी व्यक्तियों, हिंदू परिवार , कंपनियों, फर्मों, LLP, व्यक्तियों के संघ, व्यक्तियों के समूह, स्थानीय प्रशासन और किसी अन्य कल्पित न्यायिक व्यक्ति पर लागू होता है. यह टैक्स हर व्यक्ति का अलग अलग होता है, व्यक्ति के वार्षिक आय के ऊपर आयकर तय होता है. 

हर भारतीय निवासी जो आयकर भरने के लिए योग के होते हैं उसे अपनी आय के आधार पर आयकर अवश्य भरना होता है. आयकर को भरने के लिए एक फ्रॉम भरना होता है जिसे ITR फ्रॉम या आयकर रिटर्न फाइल कहा जाता है. तो दोस्तों क्या आप जानते हैं आईटीआर क्या होता है, ITR Full Form In Hindi, अगर नहीं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है आज हम आपको इसलिए के माध्यम से आईटीआई से संबंधित सभी जरूरी जानकारी आपको प्रदान करने की कोशिश करेंगे.

ITR Full Form In Hindi

ITR Full Form In Hindi

ITR का पूरा नाम “आयकर रिटर्न” है जिसे अंग्रेजी में Income Tax Return कहां जाता है. आइटीआर एक प्रकार का दस्तावेज होता है जिसे करदाता हर वित्तीय साल के अंत में अपनी आय, छूट, व्यय और कर जमा करने के लिए भरता है.

➤ ITR Full Form In English – Income Tax Return

➤ ITR Full Form In Hindi – आयकर रिटर्न

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आइटीआर (ITR) किया है ? ITR Kya Hota Hai

ITR का फुल फॉर्म है Income Tax Return जिसे हिंदी में आयकर रिटर्न कहा जाता है. हर वित्तीय साल के अंत में हर व्यक्ति को अपने आय के अनुसार एक छोटा अंक सरकार को कर के रूप में देना होता है. कर को देने के लिए व्यक्ति को एक फॉर्म भरना होता है जिसे आईटीआर (ITR) कहा जाता है. इस फ्रॉम में व्यक्ति अपनी आय के बारे में सरकार को सही जानकारी प्रदान करते हैं. 

आयकर कानूनों के अनुसार, हर व्यक्ति या व्यवसाय जो वित्तीय वर्ष के दौरान कोई भी आय कमाता है, उसे हर साल रिटर्न फाइल करना होता है। इस आय का मूल्य वेतन, व्यवसाय के लाभ, घर की संपत्ति से आमदनी या डिविडेंड, पूंजी लाभ, ब्याज या अन्य स्रोतों के माध्यम से हो सकता है। रिटर्न एक निर्धारित तारीख से पहले एक व्यक्ति या व्यवसाय द्वारा फाइल किया जाना चाहिए। यदि कोई करदाता अंतिम तिथि से पहले फाइल नहीं करता है, तो उसे एक जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है।

ITR फ़ार्म के प्रकार और उसके विवरण

आयकर रिटर्न (ITR) फ़ार्म भारतीय आयकर विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली एक आवेदन पत्र होता है जिसे भारत में कुल 6 प्रकार के आयकर रिटर्न फार्म के रूप में जाना जाता है। ये सभी आयकर योग्य व्यक्तियों के लिए अनिवार्य होते हैं जो भारत में कुछ आय कमाते हैं।

भारतीय आयकर विभाग द्वारा प्रदान किए जाने वाले 6 प्रकार के ITR फ़ार्म हैं:

  • ITR 1 : सालाना आय कम होने पर सलाहकार द्वारा सामान्यत: वेतन या मुफ्त लाभ कमाने वाले व्यक्तियों के लिए।
  • ITR 2 : सालाना आय 50 लाख से अधिक होने पर या विदेशी संपत्ति की होने पर या विदेश में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए।
  • ITR 3 : सालाना आय व्यापार, व्यापारिक गतिविधि या व्यापार के साथ-साथ कुछ अन्य आय कमाने वाले व्यक्तियों के लिए।
  • ITR 4 : आय कमाने वाले व्यक्तियों के लिए जो अपने व्यापार की शुरुआत करते हैं।
  • ITR 5 : असंगठित वित्तीय समूह और अन्य अभिकल्पों के लिए उपयोगी होता है।
  • ITR 6 : भारतीय आयकर विभाग द्वारा प्रदान किए जाने वाले आवेदन पत्रों कंपनियों के लिए उपयोगी होता है।

आईटीआर (ITR) करने के लाभ?

आईटीआर (ITR) फाइल करने के कई लाभ हैं, जो निम्नलिखित हैं:

1) कर वसूली के लिए सुविधा : आईटीआर फाइल करने से कर विभाग को आपकी आय और व्यय की जानकारी मिल जाती है, जिससे वे आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले कर की गणना कर सकते हैं।

2) लोन प्राप्ति के लिए आवश्यकता : बैंक या कोई भी ऋण प्रदाता आपके आईटीआर फाइल को एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में देखते हैं। आपके द्वारा दी गई आय की जानकारी उन्हें आपकी ऋण आवेदन प्रोसेस में मदद करती है।

3) फाइनेंशियल वर्ष के दौरान कर बचाएं : ITR File करने से आप अपनी आय के आधार पर कर बचा सकते हैं। आपको कुछ चीजों पर टैक्स बचाने की अनुमति मिलती है, जैसे कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी, लोन भुगतान और अन्य निवेश।

4) सरल बैंकिंग प्रोसेस : आईटीआर फाइल करने से आप अपने बैंक खाते में पैसे जमा करवाने या लेनदेन करने की सुविधा प्राप्त करते हैं।

5) निवेश के लिए प्रेरणा: आईटीआर फाइल करने से आप अपनी निवेश स्ट्रैटेजी को समझने में मदद मिलती है। आप अपनी निवेश कमाई को अपनी आय के साथ मिलाकर देख सकते हैं, जो आपको सही निवेश फैसलों के लिए प्रेरित करती है।

6) ऑनलाइन पहुंच : आईटीआर फाइल करने से आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस के माध्यम से कर विभाग से आसानी से संपर्क कर सकते हैं। आप अपनी फाइल ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं और इस तरीके से समय और श्रम दोनों कम कर सकते हैं।

7) निःशुल्क में सलाह : आईटीआर फाइल करने से आप निःशुल्क में कर निर्धारण और निवेश सलाह प्राप्त कर सकते हैं। इससे आप व्यक्तिगत वित्त योजना बनाने में मदद मिलती है और सही निवेश के लिए सलाह मिलती है।

इन सभी लाभों के अलावा, आईटीआर फाइल करना कर्तव्य भी है। सभी व्यक्ति को अपनी आय के आधार पर कर देना चाहिए, जो समाज के विकास में मदद करता है।

आइटीआर फाइल क्यों करना चाहिए

आइटीआर (ITR) फाइल करने के कुछ मुख्य कारण हैं:

  1. आवश्यकता : आइटीआर फाइल (ITR File) करना आवश्यक होता है क्योंकि यह आपकी आय और कटौती के बारे में आपके आयकर विभाग को सूचित करता है। इसके बिना, आपको अपनी आय को समझने और अपनी निवेशों या वित्तीय लेन-देन के लिए कटौती की जानकारी नहीं मिल सकती है।
  2. कानूनी अनुपालन : आइटीआर फाइल करना भारतीय कानून के अनुसार अनिवार्य है। अगर आप अपनी आइटीआर फाइल नहीं करते हैं, तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
  3. आयकर कटौती की जांच : आपकी आयकर फाइल करने से आपकी आयकर विभाग को यह सुनिश्चित होता है कि आपकी कटौती सही है और आप अपनी आयकर वसूली के लिए योग्य होते हैं।
  4. बैंक और वित्तीय संस्थाओं के साथ संबंध : आइटीआर फाइल बनाना आपके बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ संबंधों को सुगम बनाता है।
  5. आय के संबंध में बेहतर नियोजन : आइटीआर फाइल करने से आप अपनी आय के संबंध में बेहतर नियोजन कर सकते हैं। आप अपनी आय के बारे में स्पष्टता प्राप्त कर सकते हैं और अपनी निवेश स्ट्रैटेजी को अपडेट कर सकते हैं। इससे आप निवेश करते समय अधिक जानकारी और विश्वास प्राप्त कर सकते हैं।

आइटीआर फॉर्म कैसे भरना चाहिए? 

भारत में आयकर रिटर्न फाइल करने का अधिकार सभी व्यक्तियों, हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF), कंपनियों, फर्मों, LLP, व्यक्तियों के संघ, व्यक्तियों के समूह, स्थानीय अधिकारी और किसी भी अन्य कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति को होता है। यह आयकर विभाग द्वारा जारी निर्देशों द्वारा निर्धारित किया गया है।

❒ आमतौर पर, आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • फार्म 16 की कॉपी
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बैंक खाते का विवरण
  • निवेश स्कीमों के बारे में जानकारी
  • अन्य आवश्यक दस्तावेज जैसे कि संपत्ति के विवरण, शेयरों का विवरण आदि।

यदि आप आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए योग्य होते हैं, तो आपको आयकर विभाग के निर्धारित तारीख तक अपनी आयकर रिटर्न जमा करनी चाहिए

आइटीआर (ITR) फॉर्म कैसे भरें?

आप निम्नलिखित चरणों के माध्यम से आइटीआर (ITR) फॉर्म भर सकते हैं:

1) फॉर्म डाउनलोड करें : सबसे पहले आपको ऑनलाइन पोर्टल https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home के माध्यम से आइटीआर फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फॉर्म नंबर आपकी आयकर विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है जो आपकी आयकर की श्रेणी के आधार पर होता है।

2) सही फॉर्म चुनें : अपनी आयकर श्रेणी के आधार पर सही आइटीआर फॉर्म चुनें।

3) फॉर्म भरें : फॉर्म डाउनलोड करने के बाद, आपको फॉर्म को ध्यान से पढ़ना और फॉर्म में अपनी सभी जानकारी दर्ज करना होगा। आप अपनी आय, कटौती, निवेश, वित्तीय लेन-देन और अन्य विवरणों को फॉर्म में दर्ज कर सकते हैं।

4) सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करें : जब आप फॉर्म भरने के लिए सभी जानकारी दर्ज करेंगे, तो आपको फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेज भी जमा करना होगा। इसमें आपकी सेलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, निवेश के बिजनेस प्लान पर सहायता मिलता है.

ITR Status को Online कैसे Check करें

आप निम्नलिखित चरणों के माध्यम से ऑनलाइन आईटीआर स्टेटस की जांच कर सकते हैं:

⇨ आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं : सबसे पहले, आप आधिकारिक वेबसाइट https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home पर जाएं।

⇨ ‘आयकर रिटर्न’ सेक्शन पर क्लिक करें : वेबसाइट पर जाने के बाद, ‘आयकर रिटर्न’ सेक्शन पर क्लिक करें।

⇨ ‘आयकर रिटर्न स्टेटस’ दबाएं : ‘आयकर रिटर्न स्टेटस’ वाले बटन पर क्लिक करें।

⇨ विवरण दर्ज करें : अब अपना पैन कार्ड नंबर, आयकर रिटर्न के वितरण का वर्ष, अपना जन्म तिथि और सिक्योरिटी कोड दर्ज करें। सिक्योरिटी कोड का उपयोग केवल सत्यापन के लिए किया जाता है।

⇨ स्टेटस जाँचें : जब आप अपने विवरण दर्ज करेंगे, तो आपके सामने आयकर रिटर्न की स्थिति पेज खुलेगी। यहां पर आप अपने आयकर रिटर्न की स्थिति की जांच कर सकते हैं और जान सकते हैं कि क्या आपने अपना आयकर रिटर्न सफलतापूर्वक जमा किया है या नहीं।

यदि आपका आयकर रिटर्न स्टेटस ‘सफल’ होता है, तो आप अपना आयकर रिटर्न आसानी से देख सकते हैं और उसे प्रिंट आउट कर सकते हैं।

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आइटीआर से संबंधित अक्सर पूछा गया सवाल और जवाब (FAQs)

ITR Full Form In Hindi ?

आईटीआई का फुल फॉर्म है Income Tax Return जिस हिंदी में आयकर रिटर्न कहा जाता है.

आयकर रिटर्न क्या होता है और इसे कैसे भरें?

आयकर रिटर्न एक ऐसा फार्म होता है जिसे आमतौर पर व्यक्ति या उद्योग को इस परिषेक करने के लिए भरना होता है। आयकर रिटर्न (ITR) में व्यक्ति अपनी आय के विवरण, व्यय के विवरण, वित्तीय संपत्ति के विवरण आदि भरता है। यह फार्म भारत के आयकर विभाग द्वारा निर्धारित फॉर्मैट में होता है और व्यक्ति या उद्योग को निर्धारित समय सीमा तक इसे भरना होता है। आयकर रिटर्न को ऑनलाइन भी भरा जा सकता है।

आयकर रिटर्न क्यों जमा कराना जरूरी होता है?

कोई भी व्यक्ति जो आयकर का भुगतान करता है, आयकर विभाग द्वारा आयकर रिटर्न जमा करना अनिवार्य होता है। इससे विभाग को करदाता की आय के अनुसार कर जमा करने के लिए उपयोग करने और सही कर आदान-प्रदान की जानकारी प्रदान करने में मदद मिलती है।

आयकर रिटर्न कैसे भरा जाता है?

आयकर रिटर्न भरने के लिए, करदाता को आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाना होता है और उसे अपनी आय, छूट, व्यय और कर जमा करने के लिए आवश्यक फार्म डाउनलोड करना होता है। 

आयकर रिटर्न का अंतिम तिथि समय क्या है?

आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि समय हर साल 31 जुलाई होती है। हालांकि, अगर आप व्यापक वित्त विवरण वाले आयकर रिटर्न भर रहे हैं, तो आयकर विभाग आपको एक अतिरिक्त समय सीमा दे सकता है। Google


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