JNU Full Form In Hindi : नमस्कार दोस्तों, अगर आप एक छात्र है तो जेएनयू यूनिवर्सिटी के बारे में तो आप जरूर सुने होंगे. जेएनयू (JNU) देश की राजधानी दिल्ली के बीचो बीच मौजूद है. जेएनयू यूनिवर्सिटी के पराई और रिसर्च की वजह से इसे पूरे देश भर में जाना जाता है. जेएनयू यूनिवर्सिटी देश के सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी में से एक है.
आज हम आपको जेएनयू यूनिवर्सिटी के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आप समझ सकते हैं कि हमारा आज का विषय छात्र के लिए कितना दिलचस्प होने वाला है. जेएनयू के बारे में जानकारी के तौर पर हम आपको बताएंगे जैसे कि जेएनयू का फुल फॉर्म क्या है, जेएनयू का महत्व क्या है, यहां किस तरह के कोर्स होते हैं और भर्ती किस तरह से लिया जा सकता है आदि इस तरह के कई सारे महत्वपूर्ण जानकारियां.
इस लेख के माध्यम से आज आप जान पाएंगे देश के सबसे मशहूर विश्वविद्यालय के बारे में (JNU University). यहां के पढ़ाई कैसी होती है, कितनी कोर्स की पढ़ाई कराई जाती है और भर्ती किस तरह से ली जा सकती है. दोस्तों अगर आप भी जेएनयू के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे साथ ही इस लेख में अंत तक जरूर बने रहे.
जेएनयू फुल फॉर्म क्या है?
जेएनयू का फुल फॉर्म है (Full Form of JNU) “ Jawaharlal Nehru University ”. और जिसे हिंदी में (JNU Full Form In Hindi) “ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ” कहा जाता है.
जेएनयू की विस्तार पूर्वक जानकारी?
जेएनयू विश्वविद्यालय (JNU) यानी Jawaharlal Nehru University भारत का एक बहुत ही मशहूर विश्वविद्यालय है जोकि दिल्ली के दक्षिण भाग में स्थित है. इस विश्वविद्यालय का नाम भारत का प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम से रखा गया है. जेएनयू विश्वविद्यालय की स्थापना 1969 में हुई थी. इस विश्वविद्यालय में कई तरह के विषयों का शिक्षा प्रदान की जाती है जिनमें से कुछ प्रधान विषय है मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन आदि.
जेएनयू स्थापना की इतिहास?
जेएनयू यूनिवर्सिटी की स्थापना से पहले लगभग 1960 में दिल्ली यूनिवर्सिटी जो कि कई सारे समस्या में आ गया था, जैसे धीरे-धीरे स्टूडेंट की बढ़ती संख्या, नए-नए कॉलेज की स्थापना और फंड की कमी. इस तरह के समस्या के कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी पीछे पड़ गया था. तब दिल्ली यूनिवर्सिटी की इस परिस्थिति को देखते हुए यूजीसी (UGC) के कई मेंबर्स और तत्कालीन चेयरमैन सीडी देशमुख को लगा दक्षिण दिल्ली में एक दूसरा विश्वविद्यालय की स्थापना होनी चाहिए.
1962 में सीडी देशमुख दिल्ली यूनिवर्सिटी के भीसी (VC) बनकर इन मामलों पर काम करना शुरू करा. सीडी देशमुख का मुद्दा था इन समस्याओं का समाधान करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी को दो भागों में बांट दिया जाए. उसके बाद यूजीसी इसके ऊपर प्लेन बनाकर एजुकेशन मिनिस्ट्री को भेजा. 1965 में एजुकेशन मिनिस्ट्री द्वारा एक कमेटी बनाई गई इस विषय के ऊपर और विस्तार से कार्य करने के लिए.
उसके बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री एमसी चावला ने इस यूनिवर्सिटी के बारे में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से बात की कि दिल्ली पर रही है अब इसे दूसरी यूनिवर्सिटी की जरूरत है. एमसी चावला के इस प्रस्ताव पर नेहरू के सहमत थे. लेकिन जब चावला इस यूनिवर्सिटी का नाम जवाहरलाल नेहरू के नाम से रखने के लिए कहा तब उन्होंने साफ साफ मना कर दिया.
बल्कि नेहरू ने कई सारे नामों के सुझाव दिए उसमें रायसीना यूनिवर्सिटी का नाम भी शामिल था. कमेटी में शामिल मेंबर्स को भी रायसीना नाम पसंद आया और इसी नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखा गया. उसके बाद 27 मई 1964 में जवाहरलाल नेहरू का निधन हो गया. उसके बाद तय किया गया है यूनिवर्सिटी का नाम रायसीना के बजे जोहर लाल नेहरू के नाम से होगा. उसके बाद 1966 में जेएनयू एक्ट संसद से पास हुआ और साल 1969 में इसकी स्थापना हुई.
जेएनयू में किस तरह के पढ़ाई होती है
Natural Science
Social Science
Humanities