MP कैसे बने | Member of Parliament क्या होता है, salary, benefits और facilities

कुछ बनने की बात आए तो हमारे दिमाग में काफी सारे ideas आते हैं, उसमें से अगर आपकी सोच Member of Parliament बनने की है, MP कैसे बने. तो आज हम आपको जानकारी के तौर पर राजनीति यानी politics के बारे में बताने जा रहे हैं. Member of Parliament भी आपके लिए एक career option हो सकते हैं.

इसके साथ-साथ हम आपको जानकारी के तौर पर बताएंगे राज्यसभा सांसद कैसे बने (How to become MP) यानी कि Member of Parliament, कैसे MP चुने जाते हैं आदि और भी कई सारे महत्वपूर्ण जानकारियां आपको इस लेख के माध्यम से प्राप्त होंगे. संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे सदन तक जरूर बने रहे.

MP कैसे बने

दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे MP (Member of Parliament) कौन होता है, MP कैसे बने, MP की काम, क्षमता और जिम्मेदारी इसके साथ-साथ और भी कई सारे महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि एमपी बनने की तरीके, salary, benefits और facilities. देश में एक MP का काफी महत्व होता है और उनका जिम्मेदारियां भी बहुत ज्यादा होता है. 

MP Full Form in Hindi 

दोस्तों, MP के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने से पहले चलिए हम जान लेते हैं, एमपी के फुल फॉर्म के बारे में यानी एमपी का पूरा नाम ( Full Form of MP ) “ Member of Parliament “, जिस का हिंदी मतलब है तथा हिंदी में एमपी का नाम है ( MP Full Form in Hindi ) “ संसद के सदस्य ”. इसके अलावा एमपी का फुल फ्रॉम अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग है, जैसे कि –

MP Full Forms in Different Sectors

Serial No.CategoryFull Form of MP
1.MP Full FormMember of Parliament
2.MP Full Form in Hindiसंसद के सदस्य
3.MP Full Form in India StatesMadhya Pradesh
4.MP Full Form in MilitaryMaster Plan
5.MP Full Form in MilitaryMap Pack
6.MP Full Form in General BusinessMain Product
7.MP Full Form in Stock ExchangeMarket Place
8.MP Full Form in ElectronicsMaximum Power
9.MP Full Form in ChemistryMedium Pressure
10.MP Full Form in News & MediaMedia Player
11.MP Full Form in Unit MeasuresMega Pixels
12.MP Full Form in Law & LegalMilitary Police
13.MP Full Form in TelecomMobile Processor
14.MP Full Form in NetworkingMessage Passing
15.MP Full Form in News & MediaMotion Picture
16.MP Full Form in SportsMulti Player
17.MP Full Form in General ComputingMulti Platform
18.MP Full Form in NetworkingMulti Protocol
19.MP Full Form in MilitaryMulti Purpose
20.MP Full Form in talkingMy Problem

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भारतीय संसद का प्रकार

राज्यसभा की संसद संविधान के अनुसार भारत की संसद की 3 भाग है, राष्ट्रपति (President), राज्यसभा (Council of State), और लोकसभा (House of The People). तो राज्यसभा सांसद बनने की process क्या है चलिए सबसे पहले हम यह जानते हैं.

Credit : Shahnawaz Chaudhary Bhartiya

राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

राष्ट्रपति यानी कि President, राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है. राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की एकल संक्रमणीय मध्य पद्धति के द्वारा होता है. 

लोकसभा का चुनाव कैसे होता है?

लोकसभा यानी कि House of The People, यह संसद का दूसरा सदन है. इसे निम्न सदन या लोकप्रिय सदन भी कहा जाता है. इसके सदस्यों के चुनाव का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रीति से किया जाता है. देश के प्रत्येक नागरिक जो 18 वर्ष के आयु को पूर्ण कर चुका है वह मतदान करने का अधिकारी है.

61 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1988 द्वारा मतदान की आयु को 21 वर्ष से घटाकर के 18 वर्ष कर दिया गया है. संविधान में लोकसभा के अधिकतम सदस्य संख्या 552 निर्धारित की गई है. इसमें से 530 सदस्य प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से और 20 सदस्य संघ शासित क्षेत्र से चुने जा सकते हैं. इसके अतिरिक्त यदि राष्ट्रपति को यह आभास हो कि आंग्ल भारतीय समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है तो वह इस समुदाय से के 2 सदस्यों को मनोनीत कर सकता है.

राज्यसभा सांसद का चुनाव कैसे होता है?

भारतीय संसद राज्यसभा यानी कि Council of State, राज्यसभा सांसद कैसे बनते हैं, कैसे चुने जाते हैं, तो राज्यसभा की संसद के बारे में जानने से पहले चलिए राज्यसभा के बारे में कुछ जानकारियां प्राप्त करते हैं. क्योंकि यह राज्यों के परिषद है जिसके माध्यम से संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होता है.

राज्यसभा अप्रतिक्षा रीति से लोगों का प्रतिनिधित्व करती है क्योंकि इसका सदस्यों का निर्वाचन राज्य विधानसभा का निर्वाचित सदस्य द्वारा किया जाता है. राज्य सभा के सदस्यों की निर्वाचन में आनुपातिक पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत प्रणाली यानी कि single vote transferable system प्रयोग किया जाता है.

संविधान में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है, इसमें से 238 राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि और 12 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि हो सकते हैं. परंतु वर्तमान में राज्यसभा में 245 अधिकारी है इसमें से 229 सदस्य राज्य के प्रतिनिधि 4 संघ राज्य क्षेत्र के और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं. 

राज्य की जनसंख्या असमान होने के कारण राज्यसभा में उनका प्रतिनिधित्व असमान है, राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से जहां पर 31 प्रतिनिधि है, वही त्रिपुरा से मात्र 1 प्रतिनिधि है यानी कि अमेरिकी सीनेट में राज्य को सामान प्रतिनिधित्व प्राप्त है ना कि भारत की भांति जनसंख्या के आधार पर. 

तो संघ शासित क्षेत्र मैं से सिर्फ 2 यानी कि दिल्ली और पांडिचेरी को प्रतिनिधित्व प्राप्त है. और अन्य पांच की जनसंख्या तुलनात्मक रूप से कम होने के कारण उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं प्राप्त है. 

MP बनने के लिए Qualification Required

1. Candidate भारतीय होना चाहिए.

2. राज्यसभा का MP बनने के लिए 30 साल या उससे ऊपर और लोकसभा का मेंबर बनने के लिए 25 साल या उससे ऊपर की age होनी चाहिए.

3. स्वस्थ दिमाग होना चाहिए.

[MP] Member of Parliament की काम क्षमता और जिम्मेदारी

Legislative Role

MP का Legislative Role होता है देश का देखभाल करने के लिए नियम बनाना. एक MP Parliament में पेश होने वाले bills का discussion मैं भाग लेता है. एक एमपी Union List या Concurrent List के तहत ही अपने कानून बनाने के लिए समता का उपयोग कर सकता है.

Union List मैं National defense, Banking, Communication, Currency and Foreign Affairs आदि विभाग शामिल होते हैं. और यह गवर्नमेंट बिल में संशोधन भी करते हैं. एक Non-Minister MP भी अलग से private member bill के माध्यम legislative बदलाव के लिए सरकार के सामने प्रस्ताव रख सकते हैं.

इसके साथ-साथ MP बहुत सारे मुद्दे जैसे कि Creation of legislative council, increase or decrease area of a state, change the name of state, and union territories इन सब के ऊपर भी parliament में चर्चा करते हैं.

Supervisory Role

MP की संसदीय हस्तक्षेप के माध्यम से executives के ऊपर नियंत्रण के क्षमता भी होती हैं. जैसे कि question hour, zero hour, calling attention motion, No confidence motion और censure motion आदि. MP की क्षमता अन्य community में जैसे कि public accounts, public undertakings और ad hoc committees आदि के executive निगरानी देते हैं. 

Electoral Role

एक Member of Parliament यानी MP का president और vice president के चुनाव में भाग होता है. और एक तरफ लोकसभा के MP चुनाव करता है speaker of the house, deputy speaker. और दूसरी तरफ राज्यसभा के MP चुनाव करता है vice chairman of rajya sabha.

Power of The Purse

सरकार को कोई भी tax या फिर expenditure लगाने से पहले पार्लियामेंट में MP का अनुमति लेना पड़ता है, इसलिए budget को पार्लियामेंट में पेश किया जाता है.

Representative Responsibility

हर एक एमपी अपनी constituency यानी अपने इलाके की आवास होते हैं, हर एक MP की यह जिम्मेदारी होती हैं की अपनी चुनाव क्षेत्र की समस्या को पार्लियामेंट में रखें और उस पर चर्चा करें. एक MP अपने इलाके में हो रहे उन्नति में state और central minister के साथ मिलकर काम करते हैं. MP की यह भी जिम्मेदारी होती है कि अपनी चुनाव क्षेत्र की projects को district collector को समर्पित करें. 

एक अलग scheme है जिसे कहते हैं member of parliament local area development scheme. जिसमें हर एक MP को 5 करोड रुपए हर साल दिए जाते हैं,यह पैसा सीधे एमपी को नहीं दिया जाता है बल्कि district authority को दिए जाते हैं. जो MP के समाधि के साथ उस क्षेत्र की उन्नति के लिए खर्च करने के लिए दिए जाते हैं.

Other Power & Benefits of MP

जब भी देश में कोई emergency लगती है, जैसे national, state and financial तब संसद की सदस्य होने के नाते, MP का अनुमति लिया जाता है. अगर हम एक एमपी  की वेतन की बात करें तो, हर एक MP को ₹1,00,000 प्रति महीने के हिसाब से basic salary मिलती है, इसके साथ-साथ एक एमपी को ₹25000 हर महीने pension मिलती है.

1. इसके साथ-साथ MP को office, constituency आदि तरह-तरह के छूट भी मिलते हैं. 

2. हर साल एक एमपी को 34 domestic air trip मुफ्त में मिलती है. 

3. Unlimited free AC first class rail जात्रा मिलती है, पति या पत्नी और एक अतिरिक्त व्यक्ति के साथ. 

4. इसके साथ साथ 50,000 unit free electricity उपयोग करने की अनुमति मिलती है.

5. इसके साथ-साथ घर, telephone bills, medical और health insurance जैसे facilities भी एक MP को मिलती है.

MP कैसे बने / How to become MP 

राज्यसभा के सांसद पिछले लंबे समय से देश के राजनीतिक हलकों में राजनीति के चुनावों को लेकर बहुत चर्चा रही है. हर राजनीति दल अपनी जीत को लेकर के कोई भी दाव आसमान से परहेज नहीं कर रहा था वहीं पर आम आदमी इन चुनावों को लेकर के काफी उत्सुकता बनी हुई रहती है.

लेकिन ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता होगा की आंखें राज्यसभा सांसदों का चुनाव कैसे होता है, तो चलिए हम देते हैं आपका सवालों का जवाब, आप तो यह जानते ही होंगे की हर 2 साल के बाद ही चुनाव होता है. राज्यसभा सांसद का उच्च सदन है, लोकसभा में पास हुआ कोई भी विधायक तब तक कानून नहीं बना पाता जब तक यह राज्यसभा उसे दो तिहाई बहुमत से पास ना कर दे. 

इसी कारण राज्यसभा में बहुमत किसी भी केंद्र सरकार के लिए अहम होता है, राज्यसभा में कुल 238 सदस्य चुने जाते हैं, जबकि president अधिकतम 12 सदस्य 9 nominate कर सकते हैं. इनमें से हर 2 साल मैं एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल खत्म होता है, इसीलिए उतनी ही sit के लिए चुनाव होते हैं. इस बार 58 सीटों के लिए चुनाव, इस बार राज्यसभा के 58 sit के लिए 15 राज्यों से सदस्य चुने जा रहे हैं.

राज्यसभा में किस राज्य से कितने सदस्य होंगे इसका फैसला राज्य की जनसंख्या के हिसाब से होता है. इसीलिए राज्यसभा के सदस्यों के चुनाव के लिए राज्यों के विधानसभाओं के सदस्य vote डालते हैं. लेकिन राज्यसभा के चुनाव के प्रक्रिया बाकी सभी चुनाव से काफी अलग होती है. 

उत्तर प्रदेश का सांसद

इस पूरे प्रक्रिया को आप कुछ इस तरीके से समझ सकते हैं चलिए उत्तर प्रदेश का उदाहरण लेते हैं, उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधायक है और यहां से 11 राज्यसभा सदस्य का चुनाव होना है तोहर सदस्यों को कितने विधायकों का vote चाहिए यह तय करने के लिए उन विधायकों के संख्या को 11 सीटों में 1 जोर कर विभाजित किया जाता है.

यानी कि 403 बटा 12 से यानी 33 और फिर इसमें एक जोड़ दिया जाता है यानी 34, तो मतलब यह हुआ UP से किसी भी सदस्य को राज्यसभा पहुंचने के लिए कम से कम 34 votes के जरूरत होगी. इतना ही नहीं विधायक की प्राथमिकता vote के अहम role के बात की जाए तो यह नहीं कि हर विधायक अपना भोट प्राथमिकता के हिसाब से देता है. 

मतलब यह कि अगर 12 उम्मीदवार मैदान में है तो हर विधायक को बताना होगा कि उसकी पहली पसंद कौन है, दूसरी पसंद कौन, इसी तरीके से सभी 12 उम्मीदवारों के लिए अपनी प्राथमिकता बतानी होगी. तो इस तरीके से जिस उम्मीदवारों का  पहली प्राथमिकता 34 भोट मिल गए वह जीत जाता है और जी से नहीं मिलते हैं उसके लिए चुनाव होता है.

प्राथमिकता वाले भोट को लेकर ही राजनीतिक दलों में विवाद होते हैं, जैसे कि UP में कांग्रेस की 29 विधायक है, और उसे अपने उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए 5 और  विधायकों के भोट चाहिए. तो भोट या तो किसी दूसरी पार्टी के बची हुई पहली प्राथमिकता के भोट होंगे. वह भी नहीं हुआ तो फिर उस उम्मीदवार के लिए दूसरे प्राथमिकता वाले भोट को जोड़ा जाएगा.

यही वजह है कि जहां पर चुनाव की नौबत आते हैं वहां पर इतना विवाद होता है और निर्दलीय उम्मीदवार भी दोनों तरफ की extra votes की से किस्मत आसमान लेते हैं. तो अब आपको पता चल गया होगा कि राज्यसभा सांसद कैसे बनते हैं और कैसे चुने जाते हैं. 

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आपने क्या सीखा

राज्यसभा को उच्च सदन भी कहा जाता है, तो अगर आप भारतीय नागरिक है और राजनीति में रुचि रखते हैं या फिर आप प्रतियोगी छात्र है तो यह जानकारी आपके लिए बहुत काम की है. और हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख आपके लिए बहुत ही useful, helpful और informative रहा होगा.

तो आज हम आपको जानकारी के तौर पर MP यानी Member of Parliament की चुनाव के बारे में बताएं जैसे कि MP कैसे बने , इसके साथ साथ हम आपको बताएं हैं MP की काम क्षमता, जिम्मेदारी आदि और भी कई सारे महत्वपूर्ण जानकारी हम आपको इस लेख के माध्यम से दिए हैं. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी का पद है इसे प्राप्त करने के लिए आपको इन सब प्रक्रिया का उपयोग करना होगा.

तो अगर आपको यह blog पसंद आया है, तो इस लेख को आपने दोस्तों के साथ जरूर share कीजिए.और अगर आपको इस बारे में कुछ और जानकारी चाहिए तो हमें comment करके बताए. दोस्तों आज हम हमारे इस सफर को यहीं पर समाप्त करते हैं और मिलते हैं आपसे हमारे अगले नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए स्वस्थ रहिए खुश रहिए.


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