SAR Full Form In Hindi | SAR (Mobile Radiation) क्या होता है?

नमस्कार दोस्तों, हममें से हर कोई यह तो जरूर सुने हैं कि मोबाइल का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर का नुकसान होता है. लेकिन क्या जानते हैं मोबाइल फोन या वायरलेस डिवाइस के स्पेसिफिकेशन में हमें जो SAR value देखने को मिलते हैं वह क्या होता है. अपने electronic device की SAR value कैसे पता कर सकते हैं.

हमारा आज का यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है तो SAR value से संबंधित इस तरह के महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख में अंत तक जरूर बने रहे.

SAR Full Form In Hindi

SAR का Full Form क्या है?

SAR Value के बारे में बिस्तर रूप से जानकारी हासिल करने से पहले चलिए हम आपको बता देते हैं SAR का फुल फॉर्म क्या है. SAR का फुल फॉर्म है “Specific Absorption Rate”. SAR को हिंदी में (SAR Full Form In Hindi) “विशिष्ट अवशोषण दर” कहा जाता है.

SAR Full Form In English – Specific Absorption Rate

SAR Full Form In Hindi – विशिष्ट अवशोषण दर

SAR kya hota hai in Hindi

SAR का फुल फॉर्म है Specific Absorption Rate, हम सब यह तो जरुर जानते हैं कि mobile या दूसरे wireless devices में एक Radio-frequency का आदान-प्रदान होता है. Radio-frequency का आदान-प्रदान के दौरान कुछ radiation हमारे शरीर के अंदर भी जाते हैं. Radio-frequency का जो Radiation हमारे शरीर में absorb होता है उसे SAR value कहा जाता है.

SAR को Weight/kg के हिसाब से मापा जाता है. जो SAR value निकाल कर आते हैं उससे पता लगता है कि कितनी RF energy हमारे शरीर में जाते हैं. इस मात्रा को FCC यानी Federal Communications Commission के द्वारा निश्चित किया जाता है, ताकि यह मात्रा को कम रखा जा सके और SAR value के मात्रा कम रखकर शरीर का नुकसान होने से बचाया जा सके.

Mobile Phone, Wireless Router और Bluetooth Device जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने से पहले उसकी SAR value को अवश्य देखकर खरीदना चाहिए. यदि आप रोजाना इन डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इनका SAR value अवश्य पता करना चाहिए. पता करने के लिए इनके manual details या फिर settings में जाकर देख सकते हैं.

SAR Value कैसे मापा जाता है?

SAR value का मापन करने के लिए एक यंत्र का उपयोग किया जाता है जिसका नाम है SAR METER जो एक नकली मनुष्य के सर या शरीर के तारा काम करता है और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से निकालने वाले radio frequency को absorb करता है. SAR value का पता लगाता है.

SAR value कितना होना चाहिए और कितना होने पर मनुष्य शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है यह निर्धारण करने के लिए एक वायरलेस डिवाइस को high performance पर इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा और भी कई तरह के test के जरिए एक निर्दिष्ट SAR value रखा गया है जोकि है 1.6. सरकार के नियमानुसार यदि किसी डिवाइस का सर वैल्यू 1.6 से ज्यादा है तो वह शरीर के लिए हानिकारक होता है. इसीलिए सर वैल्यू 1.6 से नीचे होना चाहिए.

Radiation के वजह से हमारे शरीर में क्या क्या नुकसान होता है?

RF energy से होने वाले शारीरिक बीमारियों से खुद को बचाने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित है. Health research विभाग द्वारा कुछ जरूरी बातें जिसे ध्यान में रखकर आप इलेक्ट्रिक डिवाइस से निकलने वाले रेडिएशन से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

सबसे पहले आप सभी को यह बता दें कि मोबाइल का इस्तेमाल करने से कैंसर होता है यह कहीं पर भी लिखा नहीं है. WHO यानी World Health Organization का यह मानना है कि ज्यादा रेडिएशन मनीष का मनुष्य का कैंसर होने का एक कारण हो सकता है. 

इसके अलावा RF energy से सर दार्थ, तक और चक्कर जैसे समस्या हो सकते हैं. लेकिन SAR value testing के दौरान इस तरह के किसी भी समस्या नहीं पाया गया. मूल तौर पर माना जाता है कि मोबाइल फोन और वायरलेस डिवाइस जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान से निकलने वाले radio-frequency बहुत कम होता है और इससे होने वाले शारीरिक नुकसान भी बहुत कम होते हैं.


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